[Aditya Rikhari "Sahiba" के बोल]
[Intro]
साहिबा, आए घर काहे ना?
ऐसे तो सताए ना
देखू तुझको, चैन आता है
साहिबा, नींदे-वींदे आए ना
रातें काटी जाए ना
तेरा ही खयाल दिन-रैन आता है
[Verse]
साहिबा, समुंदर, मेरी आँखों में रह गए
हम आते-आते, जाना, तेरी यादों में रह गए
ये पलकें गवाही हैं, हम रातों में रह गए
जो वादे किए सारे, बस बातों में रह गए
बातों-बातों में ही, ख्वाबों-ख्वाबों में ही मेरे करीब है तू
तेरी तलब मुझको, तेरी तलब, जाना, हो तू कभी रूबरू
शोर-शराबा जो सीने में है मेरे, कैसे बयाँ मैं करूँ?
हाल जो मेरा है, मैं किसको बताऊँ?
[Chorus]
मेरे साहिबा, दिल ना किराए का
थोड़ा तो संभालो ना
नाज़ुक है ये, टूट जाता है
साहिबा, नींदे-वींदे आए ना
रातें काटी जाए ना
तेरा ही खयाल दिन-रैन आता है
[Bridge]
कैसी भला शब होगी वो, संग जो तेरे ढलती है?
दिल को कोई ख़्वाहिश नहीं, तेरी कमी खलती है
आराम ना अब आँखों को, ख़्वाब भी ना बदलती है
दिल को कोई ख़्वाहिश नहीं, तेरी कमी, जाना, खलती है
[Chorus]
साहिबा, तू ही मेरा आईना
हाथों में भी मेरे, हाँ
तेरा ही नसीब आता है
साहिबा, नींदे-वींदे आए ना
रातें काटी जाए ना
तेरा ही खयाल दिन-रैन आता है
साहिबा, नींदे-वींदे आए ना
रातें काटी जाए ना
तेरा ही खयाल दिन-रैन आता है